मूल कर्तव्य

मूल कर्तव्य : संविधान के अनुच्छेद 51A में कहा गया है कि हमारी संस्कृति की समृद्ध विरासत को महत्त्व देना और उसे संरक्षित करना भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होगा।

अमूर्त धरोहर

अमूर्त धरोहर: इसमें किसी संस्कृति विशेष के गैर-भौतिक पहलू शामिल होते हैं, जिन्हें इतिहास में एक विशिष्ट अवधि के दौरान सामाजिक रीति-रिवाजों द्वारा बनाए रखा गया है। इनमें सामाजिक मूल्य एवं परंपराएँ, रीति-रिवाज एवं प्रथाएं, सौंदर्यात्मक एवं आध्यात्मिक आस्थाएँ, कलात्मक अभिव्यक्ति, भाषा और मानव गतिविधि के अन्य पहलू शामिल हैं। स्वाभाविक रूप से, भौतिक वस्तुओं […]

प्राकृतिक धरोहर

प्राकृतिक धरोहर: इसमें वनस्पतियों एवं जीवों सहित ग्रामीण इलाके और प्राकृतिक पर्यावरण शामिल हैं। प्राकृतिक धरोहर में सांस्कृतिक भूदृश्य भी शामिल हो सकते हैं (ऐसी प्राकृतिक स्थालाकृतियाँ जिनमें सांस्कृतिक विशेषताएँ हो सकती हैं)।

सांस्कृतिक धरोहर

सांस्कृतिक धरोहर: भौतिक या कलाकृतियों  जैसे मूर्त सांस्कृतिक धरोहर शामिल हैं। ये आम तौर पर चल और अचल धरोहर के दो समूहों में विभाजित होते हैं। अचल धरोहर में इमारतें, ऐतिहासिक स्थान और स्मारक शामिल हैं। चल धरोहर में ग्रंथ, दस्तावेज, चल कलाकृतियाँ, संगीत और ऐसी अन्य वस्तुएँ शामिल हैं जिन्हें भविष्य के लिये संरक्षण […]