संस्कृति
संरक्षण
संवर्धन
उत्तराखंड की संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के उद्देश्य से, 16 जुलाई 2021 को हरेले पर्व पर पूरे उत्तराखंड में सामूहिक पौधारोपण कर संस्था का शुभारंभ किया गया। तब से, प्रतिवर्ष हरेले के अवसर पर सामूहिक पौधारोपण किया जाता है। संस्था ने नैनीताल, श्रीनगर, और हल्द्वानी में अधिवेशन, महिला युवा सम्मेलन, और दिल्ली में प्रवासी सम्मेलन का आयोजन किया है।
इसके साथ ही, संस्था ने पूरे उत्तराखंड में अप्रैल से मई 2022 को 2200 किलोमीटर की ‘श्री गोलज्यु संदेश यात्रा’ निकाली, जो 4 नवंबर 2024 को चंपावत से शुरू होकर पूरे उत्तराखंड के प्रसिद्ध मंदिरों में होते हुए यात्रा चंपावत में ही समाप्त होगी।
संस्था का उद्देश्य
राज्य के सर्वागीण विकास में हम सभी का योगदान संभव हो, उत्तराखण्ड की संस्कृति का संरक्षण व संर्वद्धन हो सके, इसके साथ-साथ रोजगार, शिक्षा, चिकित्सा तथा कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देते हुए सहभागी बनाना । राज्य व राज्य के बाहर देव संस्कृति (व्यवस्था) में आस्था रखने वाले धर्म, संस्कृति व प्रकृति प्रेमी किसी भी जाति या प्रांत के निवासी जो कि देव भूमि उत्तराखण्ड के हित में कार्य कर सकें साथ ही कृषि आधारित उत्पादकों को बाजार उपलब्ध कराना तथा देव स्थलों को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करना साथ ही शिल्पकार, मूर्तिकार, लोहार, जगरिये, डंगरिए, लोकगायक, लोकनर्तक, वाद्ययंत्र बनाने वाले, उन्हें बजाने वाले और इसी प्रकार उत्तराखण्ड की पहचान और विरासत को जीवंत रखने वाले कलाकारों की पहचान करना और उनकी कला को रोजगारोन्मुख बनाना। स्थानीय आवश्यकताओं, उपलब्धता और अभावों की जानकारी एकत्रित कर उन्हें लिपिबद्ध करते हुए तथा उक्त विषयों को उपलब्ध करा कर समय-समय पर शासन व प्रशासन को अवगत कराते हुए उनका समुचित निराकरण एवं समाधान कराने का प्रयास करना ।